भूल गया ना सब कुछ!
जिन आंखों में नींद नहीं आती थी!
मुझसे बिना बात किए!
सारी सारी रात करता था, इंतजार!
मेरे एक मैसेज के लिए!
अब वह सोते होंगे, उन आंखों में!
किसी और के सपने लिए हुए !
आज भी याद है,
मुझे मेरा रूठना, और तेरा रात भर जागकर.
मुझे मनाना नींद नहीं आती थी!
जब तक मना नहीं लेता था!
अब याद भी नहीं करता ना!
भूल गया पता था मुझे!
तू झूठ बोलता है!
फिर भी तुझपे यकीन किया!
और किसी पर भी नहीं किया!
मगर सब सही थे और तू झूठा!
जब तू गुस्सा होता था ना1
तो तुझे और, परेशान करना अच्छा लगता था!
और फिर प्यार तुझपे और भी ज्यादा आता था 1
काश वो वक्त फिर से आ जाए!
और तू लौट कर जैसा पहले था, वैसा बन जाए 1
क्यों इतना बदल गया तू !
अपना लगता ही नहीं1
लोग कहते हैं वक्त के साथ साथ सब बदल जाता है!
और कभी-कभी हम खुद भी1
पर मैं तो नहीं बदली!
फिर तू कैसे बदल गया!
एक पल में तू पराया हो गया1
अब तो तुझसे बात करने में भी डर लगता है!
क्योंकि तू मेरा है ही नहीं😭!
Written By:
Pari dixit
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